नीमच बना सट्टा नगरी,हरीश पायलेट, बाल्दी, पीयूष मलेशिया सहित तमाम बड़े सटोरियो पर आखिर कब पड़ेगी पुलिस की नजर, छुट भैये सटोरियो को पकड़कर बड़े आकाओ को खुली छूट


नीमच। पूर्व में जिले से सटा निम्बाहेड़ा नगर सट्टा नगरी के नाम से बड़ा सुर्खियो में छाया रहता था। लेकिन विडम्बना यह है कि अब नीमच भी निम्बाहेड़ा से कम नही आका जा रहा है। जब से आईपीएल शुरू हुआ है मानो सटोरियो को खुली छूट मिल गई है। सन 2013 में पुलिस अधीक्षक टी.अमोंग्ला अय्यर ने एक स्थान पर दबिश देकर सट्टा खेलने वालो के लिए सबब और सही नसिहत देने वाला काम किया था। आधि रात को सटोरियो पर टीम बनाकर कार्रवाई को अंजाम दिया था। जिसमें हरीश पायलेट, और बाल्दी जैसे बड़े सटोरियो का तय ठिकाने से केंट थाने तक भरे बाजार से जुलूस निकाला था और तब से नीमच की फिजा में सट्टा रूपी जहर खत्म हो चुका था, लेकिन पिछले कुछ दिनो से नीमच शहर में फिर से तथाकथित सटोरिये सक्रिय हो चुके है। ऐसा लगता है मानो इन सटोरियो को जैसे खुली छूट मिल चुकी है। पिछले दिनों
पुलिस अधीक्षक अंकित जायसवाल द्वारा अपराध समीक्षा बैठक के दौरान जिले के समस्त थाना प्रभारियों को सट्टा, जुआ, व क्रिकेट सट्टे पर सख्ती से अंकुश लगाने सम्बंधित निर्देश दिए गए थे। जिसका असर देखने को भी मिला है।
8 अप्रैल को सिटी पुलिस ने 3 अलग-अलग स्थान पर दबिश देकर 8 सटोरियो सहित 21 को नामजद किया है ।  जिससे आधे से ज्यादा वो लोग है जो सट्टा लगाते  (लगाई वाल )हैं । तालाब की छोटी- मोटी  मछलियों को पकड़कर पुलिस बेवजह अपनी पिट थपथपा रही है। जबकी सट्टा नगरी के बड़े सट्टे बाज (खाई वाल) पुलिस की पकड़ से काफी दूर है या फिर दूसरे शब्दों में कहे कि" दाल में कुछ काला है या पूरी दाल ही काली है"। वैसे बाजार में तो यह भी चर्चा है कि पुलिस ने छोटी मछलियो को पकडकर बडे मगरमछो को खुली छूट दी है। सूत्रो के मुताबिक हरीश पायलेट,बाल्दी, पीयूष मलेशिया, महावीर जैन, हिमांशु सुथार,  परवेज,  अनिल यादव , टोनी खटीक , सौरभ सिंहल, दीपक बाफना, पवन , वाहिद उर्फ गून्नू ,शोबित पुरोहित, हर्षित चौपड़ा, प्रवीण, सौरभ मित्तल,सहित अन्य कई नामचीन सटोरिये शहर को सट्टा नगरी में तब्दील करने में अपनी भूमिका अदा करने से पीछे नही हट रहे है। पुलिस को चाहिए की इन तमाम बड़े बुक्कीयो की मोबाईल लोकेशन खंलाकर पूर्व की भांति एक बार फिर इनका जुलूस निकाले। जिससे शहर के युवाओ का भविष्य इस सट्टा रूपी जहर से बजाया जा सकता है। वरना ये सटोरिये यूं ही नव युवको का भविष्य सट्टा बेटिंग में दावं पर लगाते रहेंगे।